सिपाही-दरोगा वोट मांगेंगे तो लोकतंत्र कैसे बचेगा?
लखनऊ: विधानसभा में मंगलवार को विपक्ष ने सरकार पर लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप लगाया। नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने बजट पर चर्चा के दौरान कहा कि अगर दबाव की राजनीति व पुलिस के माध्यम से चुनाव लड़ा जाएगा तो पार्टियों का महत्व खत्म हो जाएगा। उपचुनाव के दौरान सरकार ने जिस तरह का व्यवहार किया है वह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। अगर सिपाही-दरोगा सत्तारूढ़ दल के लिए वोट मांगेंगे तो पार्टियों व लोकतंत्र का क्या होगा? जब लोकतंत्र ही नहीं बचेगा तो सदन में कोई पहुंच ही नहीं पाएगा।
नेता प्रतिपक्ष ने सरकार पर पुलिस के राजनीतिकरण का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने मनचाहा डीजीपी बनाने के लिए नियम तक बदल दिए। अब तो स्थायी डीजीपी बना दें। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब है। पुलिस एफआईआर तक दर्ज नहीं करती। सरकार सबसे बड़े बजट का दावा करती है और आधा पैसा भी खर्च नहीं कर पाती। ग्राम विकास जैसे महत्वपूर्ण सेक्टर का बजट घटा दिया गया है।
अल्पसंख्यकों के अधिकारों का हनन
माता प्रसाद ने कहा कि सरकार अल्पसंख्यकों के संवैधानिक अधिकारों का हनन कर रही है। मदरसों को बंद किया जा रहा है। मंदिर व मस्जिद के निर्माण में अनुमति का इतना अड़ंगा लगाया जा रहा है कि निर्माण ही संभव नहीं हो पा रहा। मस्जिद के पुनर्निमाण को सरकार ने और मुश्किल कर दिया है। बेसिक स्कूलों में 1.20 लाख से अधिक पद खाली है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि ऐसे में बेहतर शिक्षा कैसे मिलेगी? प्रदेश में सड़कों, बिल्डिंग के निर्माण में व्यापक भ्रष्टाचार चल रहा है। 10 से अधिक जिलों में सड़कों के नमूने फेल पाए गए हैं। वहीं, पीडीए का हक मारा जा रहा है। सरकार निजीकरण को बढ़ावा देकर आरक्षण खत्म कर रही है।
आत्महत्या के उकसाने का आरोप
कांग्रेस की आराधना मिश्रा ने कहा कि भयमुक्त प्रदेश का दावा करने वाली सरकार ने यह स्थिति ला दी है कि एक कैबिनेट मंत्री अपनी ही जान का भय बता रहे हैं। एक कैबिनेट मंत्री के ऊपर उनके कार्यकर्ता ने ही आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया है। सरकार बजट का आकार बढ़ाने में लगी है। पिछले वित्तीय वर्ष में भी बड़ा बजट बनाया गया, लेकिन फरवरी तक मात्र 55% बजट ही खर्च हो पाया।